बुकानन का मानना है कि यह उपाधि शेन वॉर्न या डॉन ब्रेडमैन जैसे बिरले क्रिकेटरों को ही दी जानी चाहिए। वॉर्नर ने हाल ही में टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया है। बुकानन 1999 से 2007 के बीच ऑस्ट्रेलिया की टीम के कोच रहे। पिछले सप्ताह टेस्ट और वनडे क्रिकेट को अलविदा कहने वाले वॉर्नर ने उनके मार्गदर्शन में नहीं खेला, क्योंकि उन्होंने 2009 में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू किया था। यह पूछे जाने पर कि क्या वॉर्नर महान क्रिकेटर हैं तो बुकानन ने 'सेन ब्रेकफास्ट' पर कहा, ''मुझे नहीं लगता।'' जॉन बुकानन का कहना है कि रिकॉर्ड उनका अच्छा है, लेकिन महान खिलाड़ी अलग होते हैं और उनकी तुलना नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा, ''उसने अपने कैरियर में शानदार प्रदर्शन किया है। उसने सौ से अधिक टेस्ट खेले हैं और 8000 से अधिक रन बनाएं। इसके साथ ही 160 वनडे और करीब 100 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। विभिन्न प्रारूपों में उसका औसत अच्छा और स्ट्राइक रेट बेहतरीन रहा है। प्रदर्शन के आधार पर वह शीर्ष में हैं, लेकिन महान खिलाड़ी असाधारण होते हैं जिनकी कोई तुलना ही नहीं होती। मुझे लगता है कि ब्रेडमैन, ग्लेन मैकग्रा या शेन वॉर्न जैसे खिलाड़ियों को ही उस श्रेणी में रखा जाना चाहिए।''
बता दें कि इससे पहले मिचेल जॉनसन भी डेविड वॉर्नर पर प्रहार कर चुके हैं। उन्होंने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को आड़े हाथों लिया था और कहा था कि जिसने टीम और बोर्ड को केपटाउन में बॉल टैंपरिंग कराकर बदनाम किया, उस खिलाड़ी को हीरो जैसी विदाई देने का क्या मतलब है। जॉनसन ने ये भी कहा था कि जब डेविड वॉर्नर का रिटायरमेंट डेट सभी को पता थी तो पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में उनके रिप्लेसमेंट को आजमाया जाना चाहिए था।