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साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण आज

-भारत में नहीं दिखेगा - सूतक भी मान्य नहीं - पर भजन-पूजन होगा - दान-स्नान मान्यतानुसार

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आर्य समय संवाददाता, जबलपुर।  शारदेय नवरात्रि के शुरू होने से एक दिन पहले आज साल का दूसरा सूर्यग्रहण लगा। वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन हिंदू धर्म में इसका काफी महत्व है। धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण की घटना का जिम्मेदार राहु-केतु को माना जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का प्रभाव ग्रह-नक्षत्र और सभी राशियों पर पड़ता है। भारतीय समयानुसार ग्रहण रात 8:34 से मध्य रात्रि 2:25 तक रहेगा। सूर्य ग्रहण एक ऐसी घटना है जिसमें सूर्य चंद्रमा द्वारा अवरुद्ध हो जाता है, जबकि चंद्र ग्रहण में पृथ्वी की छाया चंद्रमा को ढक देती है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को ग्रहण कर लेता है। इसका मतलब यह है कि चंद्रमा, पृथ्वी की परिक्रमा करते समय, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है, जिससे सूर्य अवरुद्ध हो जाता है और सूर्य का प्रकाश हम तक नहीं पहुंच पाता है। सूर्य ग्रहण चार प्रकार के होते हैं- आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण, पूर्ण सूर्य ग्रहण और संकर सूर्य ग्रहण। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का समयम, कहां कहाँ दिखेगा, प्रभाव आदि के बारे में।
सूर्य ग्रहण का समय
पंचांग की गणना के मुताबिक साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्तूबर को भारतीय समय के अनुसार रात के 08 बजकर 34 मिनट से आरंभ हो जाएगा, जिसका समापन मध्य रात्रि को 02 बजकर 25 मिनट पर होगा। यह सूर्य ग्रहण वलयाकार में होगा। जिसमें आसमान में सूर्य एक अंगूठी यानी रिंग के आकार में नजर आएगा। जिस कारण से रिंग आॅफ फायर कहा जाता है।
भारत में नहीं दिखेगा-
14-15 अक्तूबर को पड़ने वाला साल का आखिरी सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि यह सूर्य ग्रहण रात में लगेगा जिस कारण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मैक्सिकों, अजेर्टीना, पेरू, क्यूबा, कोलांबिया और ब्राजील में देखा जा सकेगा। धार्मिक नजरिए के लिहाज से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है और ग्रहण के लगने से पहले ही सूतक काल मान्य होता है। सूतक काल लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-अनुष्ठान करना वर्जित होता है। सूर्य ग्रहण लगने पर ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल मान्य होता है वहीं चंद्र ग्रहण लगने पर सूतक काल 9 घंटे पहले मान्य होता है। चूंकि भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस दिन सामान्य दिनचर्या में कामकाज किया जा सकता है।

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