Advertisment

राजा महमूदाबाद ने निधन लंबी बीमारी के बाद ली अंतिम सांस, 50 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक थे

author-image
By admin
New Update
राजा महमूदाबाद ने निधन लंबी बीमारी के बाद ली अंतिम सांस, 50 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक थे

लखनऊ
 सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहे राजा महमूदाबाद (Raja mahmudabad) मो. आमिर मोहम्मद का मंगलवार देर रात को निधन हो गया है। वह लंबे समय से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। जिसकी वजह से 80 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। राजा महमूदाबाद मो. अमीर मोहम्मद खान की सीतापुर जिले से लखनऊ तक राजा आमिर मोहम्मद खान की रियासत रही है। वहीं महमूदाबाद विधानसभा से वर्ष 1985 व 1989 तक कांग्रेस पार्टी से विधायक भी रह चुके हैं। राजा महमूदाबाद का नाम कई मायनों में काफी चर्चाओ में रहा है। लेकिन निधन की खबर मिलते ही उनके चाहने वालों में शोक का माहौल है। जानकारी के मुताबिक, बुधवार को शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार महमूदाबाद के कर्बला में होगा।

Advertisment

सपा प्रमुख मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महमूदाबाद से बीजेपी विधायक आशा मौर्या समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने राजा महमूदाबाद के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि राजा महमूदाबाद जनाब मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान साहब का इंतकाल, अत्यंत दुखद! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें। दुःख की इस घड़ी में समस्त परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो।

2006 में थे हजारों करोड़ के मालिक
लखनऊ में आधा हजरतगंज आज भी राजा महमूदाबाद के अधिकार क्षेत्र में होना बताया जाता है। यही नहीं राजा महमूदाबाद व उनके परिजनों की ईराक, पाकिस्तान और अन्य देशों में भी अकूत संपत्तियां हैं। उत्तराखंड में भी उनकी 396 संपत्तियां आंकी गई हैं। अक्तूबर 2006 में हुए सरकारी आकलन के अनुसार, उनकी संपत्तियों की कीमत करीब 50 हजार करोड़ रुपये थी। उन्‍होंने शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 में संशोधन के लिए लाए गए शत्रु संपत्ति अध्यादेश 2016 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 2010 में इसी अधिनियम पर लाए गए अध्यादेश को भी चुनौती दे चुके हैं, जिसकी भी सुनवाई फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में चली। 2010 के अध्यादेश के तहत सभी शत्रु संपत्तियां कस्टोडियन को सौंप दी गई थीं।

1915 में बटलर पैलेस कोठी का शुरू करवाया था निर्माण कार्य
बता दें कि लखनऊ की बटलर पैलेस कोठी का निर्माण कार्य राजा महमूदाबाद ने 1915 में शुरू करवाया था। यह कोठी आकर्षक बनावट और प्रभावशाली स्थापत्य कला धरोहर है। राजा साहब ने 1921 में लखनऊ में बाढ़ आने के बाद कोठी को और विस्तार देने का इरादा त्याग दिया था। इतना ही नहीं कोठी को विस्तार देने का काम था उस पैसे को बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में खर्च कर दिया। बाद में जब इसकी एक विंग बनकर तैयार हुई तो डिप्टी कमिश्नर यहां पर रहते थे। उसके बाद में स्वतंत्रता के बाद में यह गेस्ट हाउस बन गया था।

Advertisment
Latest Stories
Advertisment