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आर्य समय संवाददाता, जबलपुर/ सिवनी। गर्मी में पानी की तलाश में नाले में पानी पीने आए एक लंगूर पर तेंदुए ने हमला कर दिया। लंगूर अपनी जान बचाने के लिए नाले के पास के ही करीब 25 मीटर ऊंचे साजा प्रजाति के पेड़ पर चढ़ गया, लेकिन फुर्तीले तेंदुए ने पीछा करते हुए उसे दबोच लिया। शिकारबाजी के दौरान तेंदुआं और लंगूर पेड़ से नीचे गिर गए, इसमें तेंदुए के हमले से जहां लंगूर की मौत हो गई, वहीं ऊंचाई से गिरने के चलते तेंदुए ने भी दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी तब लगी जब रोजाना की तरह वन विभाग का गश्ती दल गश्ती कर क्षेत्र से गुजर रहा था।
बताते हैं कि पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी अंतर्गत पेंच मोगली अभ्यारण परिक्षेत्र कुरई की बीट गंडाटोला (कक्ष क्रमांक 643-644) के सीमा नाला 18.04.2022 को एक वयस्क मादा तेन्दुआ (आयु लगभग 8 से 10 वर्ष) एवं एक मादा हनुमान लंगूर के शव जल स्त्रोत से लगभग 3 मीटर की दूरी पर स्टाफ को गश्ती के दौरान दिखाई दिए। स्टाफ ने इसकी सूचना पार्क के वरिष्ठ अधिकारियों को दी। सूचना मिलने के बाद डॉग स्क्वाड के साथ पार्क के वेटरनरी डॉक्टर डॉ. अखिलेश मिश्रा और डॉ. अक्षय बंसोड़ पशु चिकित्सक, खवासा के दल को मौका पर बुलवाया गया। लेकिन शिकार जैसी कोई भी गतिविधि नहीं पाई गई।
रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि हमने पूरे इलाके की सर्चिंग डाग स्कवाड से भी कराई है। लेकिन शिकार जैसी कोई भी गतिविधि नहीं सामने आई है। दोनों ही वन्यजीवों के अंग सुरक्षित पाए गए है। उन्होंने बताया कि शव से लगभग 15 मीटर की दूरी पर साजा प्रजाति के वृक्ष पर तेंदुआ के वृक्ष पर चढ़ने के पैरों के निशान और किसी वन्यप्राणी को खींच कर ऊपर ले जाते समय के खून के निशान मिले, जिस स्थान पर शव प्राप्त हुए थे उसके ऊपर साजा के वृक्ष की शाखाओं की लगभग 25 मीटर ऊंचाई पर शाखायें लगभग 5 मीटर की दूरी पर स्थित पाई गई। डॉक्टरों ने तेंदुआ के शव परीक्षण के दौरान वृक्ष से गिरने के कारण आंतरिक गंभीर चोट एवं रक्त स्राव पाया।
रीढ की हड्डी और पसलियों में चोट पाई गई। शव के दांत, नाखून सहित समस्त अवयव सुरक्षित पाए गए जबकि मादा हनुमान लंगूर के गले मे तेंदुआ के केनाइन दांत के निशान और खून के थक्का जमने और चोट के निशान पाए गए। शव परीक्षण के दौरान विसरा परीक्षण हेतु सैंपल एकत्रित किये गये। पार्क प्रबंधन ने बताया कि शव को एनटीसीए की समस्त एसओपी का पालन करते हुए एस एस उद्दे मुख्य वन संरक्षक सिवनी, आशीष पांडेय अधीक्षक, विलास डोंगरे परिक्षेत्र अधिकारी, विक्रांत जठार एनटीसीए प्रतिनिधि और अन्य उपस्थित कर्मचारियों की उपस्थिति में पूर्ण रूप से जलाकर नष्ट किया गया।
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