ईरानी जहाज को सोमालिया के समुद्री लुटेरों से रेस्क्यू किया; 12 घंटे चला ऑपरेशन भारतीय नौसेना शुक्रवार (29 मार्च) को सोमालिया के समुद्री लुटेरों के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर 23 पाकिस्तानियों की जान बचाई। नेवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि शुक्रवार शाम को उनकी टीम को हिंद महासागर में अदन की खाड़ी के पास एक ईरानी जहाज 'अल-कंबर' के हाईजैक होने की सूचना मिली थी।
इस पर सोमालिया के 9 समुद्री लुटेरों ने कब्जा कर लिया था। यह जहाज यमन के सोकोट्रा द्वीप से साउथ-वेस्ट में करीब 166 किमी की दूरी पर था। हाइजैक का अलर्ट मिलते ही भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोत INS सुमेधा को ईरानी जहाज को रोकने के लिए रवाना किया।
नौसेना के 2 युद्धपोतों ने 12 घंटे चलाया ऑपरेशन, 9 लुटेरों ने सरेंडर किया इसके बाद दूसरे युद्धपोत INS त्रिशूल की मदद से नेवी ने जहाज को लुटेरों से रेस्क्यू किया। नौसेना की टीम ने 12 घंटे तक ऑपरेशन चलाकर लुटेरों को सरेंडर करने के लिए मजबूर किया। फिलहाल टीम जहाज की जांच कर रही है। इसके बाद इसे सुरक्षित जगह ले जाया जाएगा।
पिछले साल अक्टूबर में इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद से अरब सागर में सोमालिया के लुटेरों की तरफ से जहाज को हाईजैक करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस पर काबू पाने के लिए भारतीय नौसेना ने अरब सागर में युद्धपोतों की तैनाती बढ़ा दी है।
भारतीय नौसेना ने 3 महीने पहले 14 दिसंबर को अदन की खाड़ी में हाईजैक हुए जहाज MV रुएन को बचाने का ऑपरेशन 15 मार्च को पूरा किया। ऑपरेशन भारत के समुद्री तट से 2800 किलोमीटर दूर चलाया गया। नौसेना ने बताया कि उनकी कार्रवाई के बाद 35 समुद्री लुटेरों ने सरेंडर किया और 17 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला गया।
जहाज का क्रू 110 से ज्यादा दिनों से लुटेरों के कब्जे में था। ये रेस्क्यू ऑपरेशन 40 घंटे तक चला। इसे पूरा करने के लिए युद्धपोत INS सुभद्रा, ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने वाले ड्रोन, P8I पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल हुआ। अब हाईजैक हुआ जहाज MV रुएन पूरी तरह भारतीय नौसेना के कब्जे में है।