आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। टिकट बदलने से नाराज कांग्रस नेता शेखर चौधरी के ‘बगावती सुर’ हैं। प्रदेश टुडे से चर्चा में उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकर्ता मुझ पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं। टिकट कटने से मेरे कार्यालय में सन्नाटा होना चाहिए था, पर हुआ उल्टा। कार्यकर्ता हिल नहीं रहे हैं और पूरी रात से घर में बैठे हैं। उनकी भावना को देखते हुए मैंने चुनाव लड़ने का मन बनाया है। प्रयास यही होगा कि कांग्रेस की टिकट से ही चुनाव लड़ूं। पर, यदि पार्टी फै सला नहीं बदलती तो निर्दलीय रूप से चुनाव लडूंगा।
एन को बताया फर्जी हरिजन-
शेखर चौधरी ने गोटेगांव से प्रत्याशी बनाए गए एनपी प्रजापति पर भी निशाना साधा। उन्हें ‘फर्जी हरिजन’ कहते हुए शेखर ने कहा कि ये पूरे देश में पहला उदाहरण होगा, जिसमें एक भाई पिछड़ा है तो दूसरा हरिजन। उन्होंने कहा कि एनपी प्रजापति खुद को हरिजन कहते हैं, जबकि उनका एक भाई खुद को ओबीसी लिखता है। ऐसे कैसे हो सकता है कि एक भाई हरिजन हो एक भाई ओबीसी। उन्होंने तो ये भी कहा कि शहडोल से एनपी प्रजापति का फर्जी सर्टिफिकेट बनाया गया है।
शेखर के बगावती सुर: गोटेगांव में एनपी को मिल सकती है पार्टी के अंदर से ही चुनौती
कांग्रेस की ‘रिप्लेस पॉलिसी’ की शिकार प्रदेश की तीन सीटों में से एक महाकोशल की प्रमुख सीट ‘गोटेगांव’ में उसके प्रत्याशी को पार्टी के भीतर से ही चुनौती मिलती दिख रही है।
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