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MP में अभी वीरा राणा ही बनी रहेंगी चीफ सेक्रेटरी: 3 महीने के एक्सटेंशन पर सहमति, एक-दो दिन में जारी हो सकते हैं आदेश

मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को तीन महीने का एक्सटेंशन मिलना लगभग तय है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

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Veera Rana

Veera Rana

भोपाल। एक या दो दिन में केंद्र सरकार इसके आदेश जारी कर सकती है। तीन महीने का एक्सटेंशन मिलने के बाद वीरा राणा 30 जून 2024 तक मुख्य सचिव रहेंगी। यानी उनके कार्यकाल में ही लोकसभा चुनाव होंगे। सीएस वीरा राणा का रिटायरमेंट इसी महीने 31 मार्च को होना है। लेकिन, डॉ. मोहन यादव सरकार ने उनके एक्सटेंशन के लिए फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था।

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वीरा राणा 6वीं मुख्य सचिव हैं, जिन्हें एक्सटेंशन मिलने जा रहा है। राणा से पहले शिवराज सरकार ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को दो बार 6-6 महीने का एक्सटेंशन दिया था। बैंस के दूसरे एक्सटेंशन का पीरियड 30 नवंबर को पूरा होने के बाद वीरा राणा को मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

आचार संहिता लागू होने से पहले एक्सटेंशन की प्रक्रिया क्यों 
वीरा राणा के एक्सटेंशन को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और राज्य सरकार के बीच सैद्धांतिक सहमति बन गई है। केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले राणा के एक्सटेंशन का आदेश जारी कर सकती है। चुनाव की घोषणा होने के बाद आचार संहिता लागू होगी। ऐसे में उनके सर्विस एक्सटेंशन के आदेश के लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी और सरकार इस प्रक्रिया से बचना चाहती है।

डॉ. मोहन यादव का भरोसा जताने की वजह 
नई सरकार के गठन होने और डा. मोहन यादव के मुख्यमंत्री (13 दिसंबर) बनने के बाद माना जा रहा था कि वे अपनी पंसद के मुख्य सचिव को पदस्थ करेंगे। क्योंकि एक महीने से ज्यादा वक्त तक वीरा राणा प्रभारी मुख्य सचिव ही रहीं। दरअसल, केंद्र सरकार ने जनवरी महीने में राणा के ही बैच (1988) के सीनियर आईएएस अफसर संजय बंदोपाध्‍याय की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मध्य प्रदेश में पदस्थ कर दिया था। ऐसे में कयास लगाए जाने लगे थे कि बंदोपाध्याय को मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। लेकिन, मुख्यमंत्री ने राणा पर भरोसा जताया।

17 जनवरी को राणा को मुख्य सचिव बनाने का आदेश जारी किया गया। जबकि बंदोपाध्याय को कर्मचारी चयन मंडल का अध्‍यक्ष बनाया गया। मंत्रालय सूत्रों का ये भी कहना है कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव दोनों ही नए थे। अब दोनों के बीच सरकारी कामकाज को लेकर तालमेल बेहतर हो चुका है। इसलिए सरकार ने राणा को एक्सटेंशन देने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी।

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