भोपाल। जिसके बाद राजधानी में एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हो जाएंगी। स्टाइपेंड में वृद्धि 1 अप्रैल 2023 से मान्य हो जाएंगी। बता दें कि जूनियर डॉक्टर्स ने बीते दिनों सरकार को अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई, तो वे बुधवार रात 12 बजे से हड़ताल पर चले जाएंगे। जूनियर डॉक्टरों के निर्णय के बाद मरीजों की परेशानी बढ़ गई थी। पिछले एक साल से उनके स्टाइपेंड में बढ़ोतरी नहीं हुई थी। जिसके बाद वे पिछले कुछ दिनों से हाथ में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे।
जानिए क्या थी जूनियर डॉक्टरों की मांग
मासिक स्टाइपेंड 1 लाख प्रति माह हो व सालाना वेतन वृद्धि का रुका काम पूरा हो।
मध्यप्रदेश के सभी जूनियर डॉक्टरों को 5 साल का स्वास्थ्य बीमा मिले।
मध्यप्रदेश में चिकित्सा से शिक्षा की फीस बाकी राज्यों की तरह ही 10 से 15 हजार की जाए व यूनिवर्सिटी की फीस कम हो।
मध्यप्रदेश से रूरल सर्विस बॉन्ड को खत्म किया जाए, वहीं अगर कोई चिकित्सक रूरल सर्विस पर जाता है तो उसको अतिरिक्त पचास हजार रुपए देने की मांग की है।