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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन खत्म: सरकार ने मनोज जरांगे को अध्यादेश का ड्राफ्ट भेजा था; पढ़कर बोले- हमारी मांगें मानी गईं

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलनकारियों की मांगें मान ली हैं। मराठा आंदोलन के नेता म​​​नोज जरांगे पाटिल ने शुक्रवार (26 जनवरी) देर रात कहा कि 'मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है।

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The ordinance to Manoj Jarange

हमारी अपील मान ली गई है। हमारा विरोध अब खत्म हुआ। हम सरकार का लेटर स्वीकार करेंगे। मैं शनिवार (27 जनवरी) को सीएम के हाथ जूस पीऊंगा।' दरअसल, शुक्रवार को जरांगे ने शिंदे सरकार को शनिवार सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था- अगर 11 बजे तक आरक्षण का अध्यादेश जारी नहीं किया गया, तो वे 12 बजे मुंबई के आजाद मैदान पहुंचकर आंदोलन करेंगे। इसके बाद शिंदे सरकार ने देर रात अध्यादेश का ड्राफ्ट जरांगे के पास भेजा। इसमें जरांगे की मांगों का जिक्र है।

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CM शिंदे और जरांगे के बीच फोन पर हुई बातचीत
मनोज ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक के लिए पदयात्रा शुरू की थी। 26 जनवरी को जरांगे और लाखों की संख्या में उनके समर्थक नवी मुंबई के वाशी पहुंचे। जरांगे ने मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी थी।

इस बीच महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों की टीम रात करीब 10 बजे वाशी पहुंची और जरांगे से मुलाकात की। उन्होंने CM एकनाथ शिंदे से जरांगे की ​​​फोन पर बातचीत कराई। इसके बाद जरांगे ने कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें कुछ जरूरी दस्तावेज सौंपे हैं।

जरांगे ने बताया कि वे शनिवार को वाशी के शिवाजी चौक में सभा करेंगे। यहीं पर सीएम शिंदे उन्हें अध्यादेश सौंप कर उनका भूख हड़ताल खत्म कराएंगे। जरांगे राज्य के मराठाओं को कुनबी समाज में तत्काल शामिल कराने मांग कर रहे थे। इससे पूरी कम्युनिटी OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) की श्रेणी में आ जाएगी और आरक्षण का लाभ ले सकेगी।

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