दिन-प्रतिदिन पानी के संकट से जूझ रहे किसानों और ग्रामीणों के लिए केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल 2022 को अमृत सरोवर योजना का शुभारंभ किया था। केंद्र की महत्वकांक्षी योजना का उददेश्य जल संरक्षण और सूखे जैसी भयावह स्थिति से निपटना था। इसके लिए प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर (तालाब) का विकास और मरम्मत किया जाना प्रस्तावित था।
प्रदेश में केंद्र की महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना में लक्ष्य से अधिक तालाबों को संवार लिया गया। 15 अगस्त 2023 तक प्रदेश में 2,100 अमृत सरोवर बनाने थे। इस लक्ष्य के मुकाबले प्रदेश में 2,916 तालाबों को संवारने का काम पूरा कर लिया गया।
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विशेषज्ञों का कहना है कि जल ही जीवन है। जल से ही मानव, पशु-पक्षियों और हमारी दैनिक जरूरतों का बहुत सारा हिस्सा पूरा हो पाता है। पानी पृथ्वी का खून होता है। आज के इस दौर में जरुरत इतनी बढ़ चुकी है कि अंधाधुंध तरीके से भूमिगत मीठे जल का दोहन हो रहा है और उस जल से सिंचाई की जा रही है।
जल की जरूरत को देखते हुए जरूरी है कि किसानों को सिंचाई के मामले में भी उन्हें आत्म निर्भर बनाया जाए। सिर्फ सिंचाई ही नहीं, कृषि के दूसरे साधनों को विकसित कर किसानों की आय में भी बढ़ोतरी की जाए। बारिश जल का एक प्रमुख स्रोत है, जिससे हर साल करोड़ों लीटर पानी मिलता है, लेकिन जल का समुचित संचयन न होने की वजह से ज्यादातर हिस्सा बर्बाद हो जाता है।
नदियों में मिल जाता है और फिर समुद्र में जाकर पानी खारा हो जाता है और पीने योग्य नहीं रहता है। जल संग्रहण के लिए किसान, सरकार के बड़े सहयोगी बन सकते हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने अमृत सरोवर मिशन की शुरुआत की, ताकि प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाए जा सकें।
संवरे तालाबअमृत सरोवर योजना से छत्तीसगढ़ में लक्ष्य से संवरे तालाब
Amrit Sarovar Scheme In Chhattisgarh: दिन-प्रतिदिन पानी के संकट से जूझ रहे किसानों और ग्रामीणों के लिए केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल 2022 को अमृत सरोवर योजना का शुभारंभ किया था। प्रदेश में योजना में लक्ष्य से अधिक तालाबों को संवार लिया गया।
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