11 सीट वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने फिलहाल सात नाम घोषित किए हैं, जिसमें दो विधायक, विधानसभा चुनाव में हारे दो प्रत्याशी और एक मौजूदा सांसद शामिल हैं। कांग्रेस ने जातिगत समीकरण को देखते हुए ही टिकट दी है। सात में से चार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं। केवल एक सामान्य को टिकट मिली है, एक एससी (अनुसूचित जाति) और एक अनुसूचित जनजाति को टिकट दी है।जातिगत समीकरण साधने और बड़े नेताओं को प्रत्याशी बनाने की रणनीति में कांग्रेस ने लगभग सभी प्रत्याशियों के क्षेत्र बदल दिए हैं। दुर्ग के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनांदगांव, दुर्ग के पूर्व सांसद रहे ताम्रध्वज साहू को महासमुंद, रायपुर संभाग के पूर्व मंत्री डा. शिव डहरिया को जांजगीर-चांपा से और बस्तर से कवासी लखमा को टिकट दिया है। अभी कांग्रेस में बाकी चार अन्य सीटों पर प्रत्याशियों का नाम घोषित करना बाकी है।राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में पिछड़े वर्ग की बहुलता को देखते हुए कांग्रेस ने ओबीसी के बड़े चेहरे व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश को मैदान में उतारा है तो वहीं भाजपा ने सामान्य वर्ग से ही कवर्धा निवासी व वर्तमान सांसद संतोष पांडेय को दोबारा प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया है। राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार महासमुंद सामान्य सीट है मगर यहां ओबीसी की संख्या 54 प्रतिशत है। इनमें सबसे अधिक 26 प्रतिशत साहू मतदाता हैं। इस सीट से भाजपा ने जहां ओबीसी वर्ग की रूप कुमारी चौधरी को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने ताम्रध्वज साहू को मैदान में उतारा है। दिग्गज नेता को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस पूरा दमखम चुनाव जीतने के लिए लगा रही है। महासमुंद लोकसभा सीट को छत्तीसगढ़ की राजनीति का केंद्र कहा जाता है।
Lok Sabha Chunav 2024: जातिगत समीकरण के चक्कर में कांग्रेस ने बदल दिए नेताओं के क्षेत्र, अब चार सीटें फंसी
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