कौन हैं विजय शेखर शर्मा, पेटीएम लॉन्च होने के बाद भारत में मोबाइल पर डिजिटल लेनदेन की एकतरह से शुरुआत हुई

विजय शेखर शर्मा उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे और जहां उनके पिता एक स्कूल टीचर थे। विजय शेखर शर्मा एक ऐसा उदाहरण हैं जो यह दिखाता हैं मजबूत इरादे और जिद के साथ कैसे कामयाबी के शिखर तक पहुंचा जा सकता है। उनकी पढ़ाई एक हिंदी-मीडियम स्कूल में हुई। कमजोर अंग्रेजी उनकी राह में बाधा बन रही थी लेकिन फिर भी वह अपनी लगन और मेहनत से प्रतिष्ठित दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी (DTU) में दाखिला लेने में कामयाब रहे। वह हमेशा से नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानना चाहते थे।

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कौन हैं विजय शेखर शर्मा, पेटीएम लॉन्च होने के बाद भारत में मोबाइल पर डिजिटल लेनदेन की एकतरह से शुरुआत हुई

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2010 में पेटीएम लॉन्च हुआ और इसके बाद धीरे-धीरे इस डिजिटल पेमेंट ऐप ने देशभर में लोकप्रियता हासिल की। 2016 में लागू हुई नोटबंटी ने इस ऐप की किस्मत को चमका दिया और देश में डिजिटल लेनदेन को जमकर बढ़ावा मिला। यही वो समय था जब सरकार ने UPI यानी (Unified Payment Service) लॉन्च कर दी। इसके बाद Paytm का IPO आया और शेयर्स में उतार-चढ़ाव जारी रहा। लेकिन 31 जनवरी 2024 को RBI द्वारा पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payments Bank) पर लगाए गए बैन के बाद यह ऐप एक बार फिर विवादों में है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि पेटीएम हमेशा चलता रहेगा और किसी तरह की कोई छंटनी नहीं होगी। क्या आपको पता है कि देश के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट सिस्टम को आखिर किसने खड़ा किया? आखिर कौन हैं आम से खास आदमी तक का सफर तय करने वाले विजय शेखर शर्मा? आज हम आपको बताएंगे कैसे हुई पेटीएम की शुरुआत और कैसे यूपी के अलीगढ़ का एक आम सा लड़का बन गया देश की सबसे बड़ी डिजिटिल पेमेंट कंपनी का मालिक।

 

 

 

विजय शेखर शर्मा उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे और जहां उनके पिता एक स्कूल टीचर थे। विजय शेखर शर्मा एक ऐसा उदाहरण हैं जो यह दिखाता हैं मजबूत इरादे और जिद के साथ कैसे कामयाबी के शिखर तक पहुंचा जा सकता है। उनकी पढ़ाई एक हिंदी-मीडियम स्कूल में हुई। कमजोर अंग्रेजी उनकी राह में बाधा बन रही थी लेकिन फिर भी वह अपनी लगन और मेहनत से प्रतिष्ठित दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी (DTU) में दाखिला लेने में कामयाब रहे। वह हमेशा से नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानना चाहते थे।

 

कहा जाता है कि हिंदी मीडियम स्कूल में शुरुआती पढ़ाई के चलते उनकी अंग्रेजी बहुत अच्छी नहीं थी। इसके चलते वह फेल भी हुए, लेकिन अंग्रेजी को उन्होंने कमजोरी नहीं बनने दिया। विजय शेखर शर्मा ने अपनी मेहनत और दोस्तों की मदद से अंग्रेजी पर पकड़ बनाई। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही वह एन्टरप्रॉन्यरशिप का सपना देखने लगे थे। उन्होंने प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई करने का सपना देखा लेकिन पैसे की तंगी के चलते ऐसा नहीं हो सका। दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने indiasite.net वेबसाइट बनाई। और कुछ वक्त बाद इसे 1 मिलियन डॉलर में बेच दिया।

 

विजय शेखर शर्मा यहीं नहीं रुके और इसके बाद उन्होंने कॉन्टेन्ट मैनेजमेंट कंपनी Xs शुरू की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कंपनी को उन्होंने अमेरिका की लोटस इंटरवर्क को कई लाख रुपये में बेच दिया। बेचने के बाद इस कंपनी में उन्होंने नौकरी भी की। और इसके बाद आया साल 2000 जब उस कंपनी की नींव रखी गई जिसने विजय शेखर शर्मा की किस्मत बदलने की ठान रखी थी। जी हां, इसी साल पेटीएम की पेरेंट कंपनी one97 communication ltd की शुरुआत की।

 

 

One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की स्थापना साल 2000 में विजय शेखर शर्मा ने की। इस कंपनी का हेडक्वार्टर नोएडा में है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक, पेटीएम पेमेंट्स गेटवे, पेटीएम पेआउट, पेटीएम मनी, पेटीएम इनसाइडर, पेटीएम इंश्योरेंस, पेटीएम पोस्टपेड, पेटीएम फॉर बिजनेस, पेटीएम क्रेडिट कार्ड्स और पेटीएम फर्स्ट गेम्स इसी कंपनी की सब्सिडियरीज हैं।

 

शुरुआत में One97 Communications Ltd एक ऐसा प्लेटफॉर्म था जिस पर जोक्स, एग्जाम रिजल्ट, क्रिकेट मैच स्कोर और रिंगटोन दिखाई जाती थी। लेकिन साल 2010 में वन97 कम्युनिकेशन के तहत विजय शेखर शर्मा ने डिजिटेल पेमेंट प्लेटफॉर्म Paytm लॉन्च किया। पेटीएम लॉन्च होने के बाद भारत में मोबाइल पर डिजिटल लेनदेन की एकतरह से शुरुआत हुई। लेकिन 2016 में नोटबंदी के बाद यह ऐप बूम कर गया। और कैशलैस इकोनॉमी की मांग से इस मोबाइल-बेस्ड सर्विस प्रोवाइडर को जमकर मुनाफा हुआ। विजय शेखर शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटिल मुहिम में जमकर साथ दिया। 2018 में पेटीएम को वारेन बफे (Warren Buffet) की Berkshire Hathaway से 300 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली।

 

इसके बाद 500 मिलियन भारतीय ग्राहकों तक बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज को पहुंचाने और कंपनी के ऑपरेशन को एक्सपेंड करने के इरादे से विजय शेखर शर्मा ने 2019 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक की शुरुआत की। यह देश के सबसे बड़े डिजिटल बैंक में से एक है। भारत में पेटीएम को दो बड़े प्रतिद्वन्दी वॉलमार्ट का फोनपे (PhonePe) और गूगल पे (Google Pay) है।

 

पिछले कुछ सालों में पेटीएम की सकल मर्चेंडाइज में तेजी आई और वित्त वर्ष 2022-23 में इसने 13.2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया। 2022 में विजय शेखर शर्मा को फोर्ब्स 2022 की लिस्ट में शामिल किया गया। उनकी नेट वर्थ कुल 1.2 बिलियन डॉलर रही।

 

 

पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा लगातार अपने यूजर्स को भरोसा दिला रहे हैं और खुद सारी जिम्मेदारी ली है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 31 जनवरी 2024 को Paytm Payments Bank Ltd. (PPBL) में किसी तरह के नए डिपॉजिट पर रोक लगा दी है। इसके अलावा 29 फरवरी 2024 के बाद इस अकाउंट में टॉप-अप, डिजिटल वॉलेट, क्रेडिट लेनदेन और FASTags भी काम नहीं करेगा।

 

 

केंद्रीय बैंक के आदेश के बाद पेटीएम ग्राहकों के साथ-साथ डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। क्योंकि आरबीआई के आदेश के बाद अगले दिन ही पेटीएम के शेयर मार्केट में ढह गए। अपने ग्राहकों और निवेशकों में भरोसा बनाए रखने के लिए विजय शेखर शर्मा ने X (Twitter) पर पोस्ट करके कहा कि 29 फरवरी के बाद भी पेटीएम पहले की तरह काम करता रहेगा।

 

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